INDICATORS ON CHIRAG YOJANA 2025 YOU SHOULD KNOW

Indicators on Chirag Yojana 2025 You Should Know

Indicators on Chirag Yojana 2025 You Should Know

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सं चित्र नाम निर्वाचन क्षेत्र कार्यकाल विधानसभा

दलका केही नेताले आवश्यकताभन्दा पनि चुनावी स्वार्थका कारण दलीय आग्रहमा पुरानो भाँडामा नयाँ रक्सी राखेझैँ विश्वविद्यालयको स्थापना गर्ने र त्रिविका आंगिक वा अन्य क्याम्पसमाथि दाबी गर्नु नेपालको उच्च शिक्षाको अर्काे समस्या हो । खोल्नुभन्दा पहिला नै सबै नियम विनियमसहित प्राध्यापक र कर्मचारीको व्यवस्थापन हुने गरी पूर्वाञ्चल विश्वविद्यालय (२०५३) र पोखरा विश्वविद्यालय (२०५४) को स्थापना हुन सकेन । सुरुमा स्थानीय निकायको समेत साझेदारीमा यी दुई विश्वविद्यालयलाई क्षेत्रीय अवधारणामा खोल्ने भनिएकोमा सरकारी लक्ष्य पूरा भएन ।
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यह वेबसाइट कोई सरकारी वेबसाइट नहीं है। इस वेबसाइट पर हरियाणा वासियों को हरियाणा सरकार से जुडी सभी छोटी बढ़ी योजना के बारें में अवगत करवाया जाता है। यह सभी जानकारी अख़बार और सरकारी सूचनाओं पर आधरित है। इसलिए इस वेबसाइट में दी गयी सरकारी स्कीमों व अन्य सुविधा का उपयोग करने से पहले एक बार आप विभाग की ऑफिसियल वेबसाइट के नोटिफिकेशन अवश्य चैक कर ले।

चिराग योजना के लिए पात्रता मानदंड क्या हैं?

 हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई यह योजना बेटियों वाले परिवारों की आर्थिक सहायता के लिए है, जिससे उनका जीवन स्तर सुधर सके।

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Haryana State has always provided large precedence to your growth of electrical energy infrastructure, as it is one of The most crucial drivers of growth for the state.

योजना का लाभ केवल उन लोगों को दिया जाएगा जो हरियाणा में रहते हैं और हरियाणा के स्थाई निवासी हैं। ‌

केवल अकादमिक रूप से उत्कृष्ट और प्रत्येक अनुभाग में लगातार उत्तीर्ण होने वाले छात्र ही योजना के लिए पात्र माने जाएंगे।

सामाजिक-आर्थिक स्थिति: कमजोर वर्गों और गरीब परिवारों के बच्चों को वरीयता दी जाती है।

हरियाणा चिराग योजना हाल ही में रिलीज हुई है तो इसका लाभ प्राप्त करने के लिए अप्लाई करने की विधि अभी नहीं बताई गई है पर यह जानकारी जैसे ही सरकार के द्वारा प्रदान की जाती है वैसे ही हम आपको अपडेट कर देंगे।

०५६ को बजेटमा महेन्द्र मोरङ क्याम्पसलाई पूर्वाञ्चल र पृथ्वीनारायण क्याम्पसलाई पोखरा विश्वविद्यालयमा राख्ने काम विश्वविद्यालयहरू पहिले नै स्थापना भएका कारण पूरा भएन । ०६८ मा खुलेका कृषि तथा वन, मध्यपश्चिम र सुदूरपश्चिम विश्वविद्यालय पनि त्रिविका आंगिक क्याम्पसलाई मिलाएर चलाउने भन्ने योजना पूरा हुन सकेन । तर, हेटौंडा र रामपुरमा रहेका आंगिक क्याम्पस बन्द हुँदा कृषि तथा वन विश्वविद्यालयको तिक्तता त्रिविसँग देखियो । यस समस्याका बारेमा विश्वविद्यालयका पदाधिकारी, दल र सरकारले गैरजिम्मेवार भएर बोल्न मिल्दैन । 

इस योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं बच्चों को मिलेगा, जो आर्थिक रूप से काफी कमजोर है

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